15-02-2020
देखो देखो डाकिया आया - हमने कक्षा पांच के छात्रों के साथ शैक्षिक क्रियाक्लाप “भेंटवार्ता” का आयोजन किया | यह कक्षा पांच के पाठ्यक्रम – भेंटवार्ता “डाकिये की कहानी कँवर सिंह की ज़ुबानी” पर आधारितथी | बच्चो को सन्देश सेवा (कोरिअर), वाट्सअप, जीमेल, व संचार के अन्य आधुनिक तरीको का ही ज्ञान था | पाठ को आधार बनाकर एक बच्चे को डाकिया बनाया गया, बच्चों ने जिज्ञासा से अनेक प्रश्न पूछे, जवाब सवरूप डाकिये के कार्य का विवरण मिला, आज भी भारत में कुछ क्षेत्र ऐसे हैं, जहाँ संचार साधनों का अभाव है, और वहाँ डाक सेवा ही काम आती है | डाकिए के कार्यों पर चर्चा हुई | वर्षा, आंधी, धूप, या जटिल प्रकृतिक स्थिति डाकिये को अपनी ज़िम्मेदारी से पीछे नही हटा सकते, कुछ कठिनाइया भी साँझा हुई जिस कि, घरों के पते ढूढना, घर पर किसी का न होना, कुत्तो से सामना हो जाना आदि | किसी की नौकरी लगने के सन्देश पर मिठाई या गुड मिलना, तो किसी के मृत्यु के सन्देश पर शोक,तो कही मनी आर्डर मिलने पर आनंद अनेक अनुभवों पर बातचीत हुई | सभी छात्र – छात्राओं नए भेंटवार्ता के प्रकरण को समझा और साथ ही साथ एक डाकिए के कर्मचारी जीवन के कार्यो को जाना क्रिया कलाप का आयोजन बहुत ही उपयोगी रहा |